अल्फाज़ की शक्ल में एहसास लिखा जाता है, यहाँ पर पानी को प्यास लिखा जाता है, मेरे जज़्बात से वाकिफ है मेरी कलम भी, प्यार लिखूं तो तेरा नाम लिखा जाता है।
जी चाहे कि दुनिया की हर एक फ़िक्र भुला कर,
दिल की बातें सुनाऊं तुझे मैं पास बिठाकर।
मुसाफर इश्क़ का हूं मैं मेरी मंज़िल मुहब्बत है, तेरे दिल में ठहर जाऊं
अगर तेरी इजाज़त है।
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